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यदि जानवर न होते तो क्या होता! हिंदी अनुच्छेद लेखन

यदि जानवर न होते तो सर्वप्रथम पर्यावरण संतुलन बिगड़ जाता। पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में पशुओं का बहुत बड़ा योगदान है।

जब हम सड़ी हुई सब्जियां, फल, तथा खाद्यान्न बाहर फेंक देते हैं, तब इन बासी खाद्य पदार्थों को जानवर खा जाते है और इससे गंदगी फैलने से बच जाती है।

इसके अलावा वायु प्रदूषण भी नहीं होता है।पालतू जानवर हमारे जीवन में विशेष महत्व रखते है।

पालतू जानवर जैसे गाय, भैंसे, बकरी आदी से हमें दुग्ध उत्पादन मिलते है । दूध हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है इससे हमें कैल्शियम प्राप्त होता है. दूध से हम काफी चीजे बना सकते जैसे पनीर , घी , दही, आदि।

बैलों से हमारे खेत जोते जाते है। घोड़े, ऊँट, गधे जैसे जानवरों का इस्तेमाल सामान ढोने के लिए किया जाता है। कुत्ता हमारे घर की रक्षा करता है। और बिल्ली चूहे भगाने में हमारी मदत करती है ।

सांप और केंचुए किसानों के मित्र हैं क्योंकि वे खेत को उपजाऊ रखने में मदद करते हैं । जंगली प्राणी पर्यावरण संतुलन बनाने में सहायक होते है।

बाघ, शेर, चिता जैसे प्राणी अपने शिकार को 70% खाते है तथा शेष को गीध, कौवे, लोमड़ी आदी खाकर पर्यावरण को दूषित होने से बचाते हैं।

संक्षिप्त में कहा जाए तो, जानवर के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।