भाषण ( Speech in Hindi )

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भाषण ( Speech in Hindi )

Republic Day Hindi Speech गणतंत्र दिवस पे भाषण

आप सभी को मेरी तरफ से सुप्रभात। मेरा नाम _____है। मैं____कक्षा …..का छात्र हूँ। हम सब जानते हैं हम सब आज यहाँ एक विशेष अवसर पर एकत्र हुए हैं। आज के दिन को हम भारत के गणतंत्र दिवस के नाम से जानते हैं।

मैं आज के महान दिन पर आप सभी को भारत के गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहती हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी लोगों का शुक्रिया करना चाहती हूँ कि मुझे आप लोगों ने इस अद्भुत अवसर पर ये मौका दिया कि मैं यहां आपके सामने खडे होकर इस अवसर के बारे में और अपने प्यारे देश के विषय में कुछ शब्द बोल सकूं।देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी 26 जनवरी का पर्व समेटे हुए है। उत्सर्ग और शौर्य का इतिहास भारत की भूमि पर पग-पग में अंकित है। किसी ने सच ही कहा है-

कण-कण में सोया शहीद, पत्थर-पत्थर इतिहास है।

26 जनवरी हमारे देश के लिए बहुत खास दिन है। गणतन्त्र (गण+तंत्र) का अर्थ है, जनता के द्वारा जनता के लिये शासन। हमारे देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागु हुआ था। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया था। इस दिन की सबसे अच्छी बात यह है कि सभी जाति एवं वर्ग के लोग इसको एक साथ मिलकर मनाते हैं। आप सभी को पता होगा कि रिपब्लिक या गणतंत्र का मतलब क्या होता है। अपने राजनीतिक नेता को चुनने का अधिकार देश में लोगों के ऊपर होता है। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के करके ही भारत को पूर्ण स्वराज दिलाया है। उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया है उसका ही नतीजा है कि आज हम अपने देश भारत में आराम से रह रहें है। भारत देश के कुछ महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी नेताओं में इन महान नेताओं का नाम आता है। जैसे महात्मा गाँधी, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री इन स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारे भारत देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान भी न्यौछावर कर दी थी। और उनके इन महान कामों के लिए ही आज भी उनका नाम भारत देश के इतिहास में लिखा है। न ही सिर्फ लिखा ब्लकि आज भी देश का बच्चा बच्चा उनको याद करता है और उनके तरह बनना चाहता है। लगातार कई वर्षों तक इन महान लोगों ने ब्रिटिश सरकार का सामना किया और हमारे वतन को उनकी गुलामी से आज़ाद कराया। भारत वासी उनके इस बलिदान को कभी भी भुला नहीं सकते हैं। उन्ही के कारण आज हम अपने देश में आज़ादी से सांस ले रहे हैं। हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि, ” हमने एक ही संविधान और संघ में हमारे पूर्ण महान और विशाल देश के अधिकार को पाया है। जो देश में रह रहे सभी पुरुषों और महिलाओं के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है।

मैं एक बार फिर आपको अपने भाषण को ध्यान से सुनने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और मुझे आप सभी के सामने अपनी बात रखने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। और आपको भी बात करने का मौका देना चाहता हूं। जय हिन्द! वन्दे मातरम!”